Sunday, January 20, 2019

privatization

निजीकरण

शिक्षा, चिकित्सा का हो रहा निजीकरण |
देशी कम्पनियों का हो रहा विदेशीकरण | | 
डर इस बात का सता रहा है दोस्तो,
फिर से हो न जाए कहीं  सस्ता का अपहरण |

संदेश पहुंचा विश्व मे, विदेश नीतिक दिल्ली का |
उपहास बना इंडिया राजनीतिज्ञ खिल्ली का । ।
यही सोच कर संज्ञा दे दी शायद अमरीकी बुश ने,
जो नाम रखा इंडिया, अपनी पालतू बिल्ली का ।

वे सदियों से मंत्र एक ही बड़बड़ा रहे हैं ।
खाली बादलों की तरह गड़गड़ा रहे है । ।
हम निकालने लगे हैं अर्थ उनका,
वे पागलों की तरह हड़बड़ा रहे हैं ।


घुसपैठिये

तथाकथित बुलंदियों पे मत ऐँठिये।
बेहतर है अब खामोश होकर बैठिये । ।
जरा गिरेबां में तो झांक कर देखो अपने,
आप तो खुद ही हैं एक घुसपेठिये ।
 
यारों ने लूटा बहारों ने लूटा।
हमें धर्म के ठेकेदारों ने लूटा। ।
गांव से बचके आ गए हम लेकिन,
शहर में कानून के पहरेदारों ने लूटा ।


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