Showing posts with label बुद्धा. Show all posts
Showing posts with label बुद्धा. Show all posts

Friday, April 5, 2019

सुलगते सवाल | व्यंग | shayari on real life

सुलगते सवाल  (व्यंग )

(shayari on life) 
आखिर आतंक और उग्रवाद 
ढोने की वजह क्या थी। 
आदमी से आदमी को विश्वास 
खोने की वजह क्या थी। 
रामराज सर्व संपन्न था। 
हर अपराध की सजा एक थी। 
फिर वहां के मानव में राक्षस 
होने की वजह क्या थी। 
जहाँ  हंस चुगते थे दाना 
कौआ मोती कहते थे। 
वहां के इन्सान को मांस 
खाने की वजह क्या थी। 


Book:- हस्तक्षेप 
Price:- 50 /-
delivery charge :-50 /-
friends if you Like this post hit like, do subscribe for a future post so that you will never miss the update. Thank you.
Advertisement

Wednesday, October 25, 2017

namo buddhay

  बुद्ध को समर्पित

बुद्ध ने दिया अहिंसा का नारा ,
जग में इसे बहुत प्रचारा | 
वे पड़े हुए हैं माँस मदिरालय में ,
कहते हैं अहिंसा का मंत्र हमारा |

जय भीम

बाबा तो बहुत हुए हैं ,
साहब भी  कई  हुए  हैं | 
परन्तु बाबा साहब सिर्फ एक ही ,
वो भीमराव सपूत हुए हैं |
         


 हस्तक्षेप (मुक्तक संग्रह), प्रथम संस्करण २०११ 
एच. एन. सोलंकी( निर्मोही  ) 

See New Post

Could This Be the Funniest Book Ever Written?

Recent Posts