Wednesday, January 16, 2019

kisan

किसान

हम तो किसान के बेटे हैं, कृषि को प्रधान मानते हैं|
परंतु धर्म प्रेमि श्रद्धालुओं को भी महान मानते हैं | |
घर खेत खलिहानों को मिले न मिले बिजली लेकिन,
रौशनी से चमचमाती झांकियों को हम भगवान मानते हैं |

उत्पादन से कटौती कर,हज़ारो मेगावाट विद्दुत खपाई जाती है |
यहाँ बिजली के अलावा, करोड़ोकी लागत लगाई जाती है | |
घर की बहू बेटीयां तो चाहे जल जाएं जिन्दा यहाँ पर,
शहर के चौराहे पर मिट्टी की देवियां सजाई जाती हैं |



आजकल दूरदर्शन और सरकार में तालमेल हो जाते हैं|
इनके झूटे वायदे और  विज्ञापन बेमिसाल हो जाते हैं|
इसिलोये विज्ञापन कम्पनि और मंत्री मालामाल ,
हर मेहनतकश मजदुर यहाँ कंगाल हो जाते हैं |


अदालत

परंतु अदालत भी इन्हें ऐसे माफ़ कर देती है,
जैसे टीवी घटिया सर्फ़ में कपडे साफ कर देती है |
न्यायालय में बैठी हैं मूर्तियां जो न्याय की,
वहाँ पर वो भी ले देके ही इन्साफ कर देती हैं |

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