क्या वास्ता
rajneeti shayari
सौदागरों को ईमान से क्या वास्ता |
इन्हें खली मियां से क्या वास्ता | |
मिल गए वोटों में महल जिन्हें,
उन्हें टूटे माकन से क्या वास्ता |
बन बैठे खुदा मुल्क में जो,
उन्हें अब भगवान से क्या वास्ता |
वो जी रहे हैं खुश होक बहारों में ,
उन्हें पड़ोस के वीरान से क्या वास्ता |
हम भी डीजे टेलीविज़न में,
हमें पडोसी के नुकसान से क्या वास्ता |
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