मौत
(shayari on life )
पहले बहला फुसला के मिली |
फिर दिल को दहलाके मिली | |
हम तो घबराये हैं उसे देख कर,
वो मुस्कान ओठों पे खिला के मिली |
कल फिर मुलाकात हो गई उससे ,
अटल है वो एहसास दिल के मिली | |
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जमी पे रहके जमीं की बात करें,
जीना मरना यहाँ पे यहीं की बात करें।
मिलता हो ठिकाना सर छुपाने का जहाँ
वक्त मिले जितना भी वहीँ की बात करें।
गगन का सूरज तो गर्माता ही रहा है
हम कुछ नाम किखें नमीं की बात करें।
खुशबु सभी गुलाबों में है महकती हुई
हर फूल में हम यकीं की बात करें।
फिर दिल को दहलाके मिली | |
हम तो घबराये हैं उसे देख कर,
वो मुस्कान ओठों पे खिला के मिली |
कल फिर मुलाकात हो गई उससे ,
अटल है वो एहसास दिल के मिली | |
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Shayari On Life
(ग़ज़ल - जिंदगी शायरी )जमी पे रहके जमीं की बात करें,
जीना मरना यहाँ पे यहीं की बात करें।
मिलता हो ठिकाना सर छुपाने का जहाँ
वक्त मिले जितना भी वहीँ की बात करें।
गगन का सूरज तो गर्माता ही रहा है
हम कुछ नाम किखें नमीं की बात करें।
खुशबु सभी गुलाबों में है महकती हुई
हर फूल में हम यकीं की बात करें।
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