तरह तरह का भ्रष्टाचार है
तरह तरह की है भ्रष्टाचारी |
मिल्क बिस्किट खाते उनके टॉमी
आत्म हत्या करते भूके कर्मचारी ||
तरह तरह का आतंक है
तरह तरह के हैं आतंकवादी |
सरहद पे शहीद होती गाँव की खाकी
दिल्ली का ताज पहनती है खादी ||
अब तो चरवाहों से हमजोली कर ली |
भेड़ियों ने भेड़ों की रखवाली कर ली ||
इस नए ज़माने में नए तरीके से
शिकारियों ने शिकार से आँख मिचोली करली ||
व्यवस्थाएं चिताओं पे पलती रही |
वे धर्म के नाम पर हमें छलती रही ||
जब संविधान में हक मिला हमें |
तो बहस संशोधन पे चलती रही ||
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