उम्मीदवार
उम्मीद थी उम्मीदवार अच्छे निकलेंगे,
पता न भी है शेतान के बच्चे निकलेंगे |
जन प्रतिनिधि जानता के नहीं खुद के,
और सरकार के ही वफादार सच्चे निकलेंगे |
देश के कर्णधार भी कमाल करते हैं |
अपनी प्रजा को ही हलाल करते हैं | |
इनके विस्वास की तो बात ही और है,
रक्षा के सौदे भी इनके दलाल करते हैं | |
कभी लूटा इसे घुड़सवारियों ने |
कभी लूटा इसे बनदुकधारियों ने | |
ये देश सदियों से लुट रहा है यारों,
आज हमें लूटा है सत्ताधारियों ने |
हमें लूट कर है सधन वन में घुस गए |
हमें लूट कर ये संसद भवन में घुस गए |
बैठ कर वहां जब करने लगे वो बंटवारा,
मुददा उठा के दो आरक्षण में घुस गए |
काश इनके बदले डाले हाथी पाल लिए होते |
वो डाल पात खाते, पेड़ तो छोड दिए होते | |
इन्होंने तो हाथी को भी शिकस्त है डाली |
अस्तित्व ही मिटा दिया जड़ें भी खोद डाली | |
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